मोल अवधारणा (MOLE CONCEPT) की पूरी जानकारी

रसायन शास्त्र में अतिसूक्ष्म स्तर पर कणों (जैसे-परमाणुओं, अणुओं, कणों, इलेक्ट्रॉनों आदि) की संख्या ज्ञात करने के लिए रसायनज्ञों को एक मानक मात्रक की आवश्यकता अनुभव हुई। इसलिए मोल अवधारणा का प्रादुर्भाव हुआ।

मोल अवधारणा (Mole Concept)

मोल अवधारणा के अनुसार, “किसी पदार्थ का एक मोल उसकी वह मात्रा है जिसमें उतने ही कण उपस्थित होते हैं, जितने कार्बन-12 समस्थानिक के ठीक 12 ग्राम ( या 0.012 किग्रा) में परमाणुओं की संख्या होती है। यहाँ यह तथ्य महत्वपूर्ण है कि किसी पदार्थ के एक मोल में कणों की संख्या सदैव समान होगी, भले ही वह कोई भी पदार्थ हो। इस संख्या के सही निर्धारण के लिए कार्बन-12 परमाणु का द्रव्यमान, द्रव्यमान स्पेक्ट्रममापी द्वारा ज्ञात किया गया जिसका मान 1.992648×10-23 ग्राम प्राप्त हुआ। कार्बन के 1 मोल का द्रव्यमान 12 ग्राम होता है; अत: कार्बन के 1 मोल में परमाणुओं की संख्या इस प्रकार होगी.

मोल अवधारणा की आवश्यकता (Need of Mole Concept)

Mole Concept
Mole Concept

मोल अवधारणा के अनुसार 12 ग्राम कार्बन में 6.022×1023 (आवोगाद्रो संख्या) कार्बन-परमाणु होते हैं। चूँकि इन कणों को गिनना सम्भव नहीं है, अतः इनकी संख्या को मोल में व्यक्त करके कार्य करना सरल हो जाता है।

1 मोल में ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या = 6.022×1023

उपर्युक्त उदाहरण से स्पष्ट है कि ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या 1.81×1024 में व्यक्त करना अपेक्षाकृत कठिन कार्य है, अपितु इन्हे 3 मोल ऑक्सीजन परमाणु रूप में व्यक्त करना अत्यन्त सरल है।

आवोगाद्रो संख्या (Avogadro Number)

कार्बन-12 समस्थानिक के ठीक 12 ग्राम में उपस्थित कार्बन-12 परमाणुओं की संख्या आवोगाद्रो संख्या, NA कहलाती है। कार्बन-12 के ठीक 12 ग्राम में कार्बन-12 परमाणुओं की संख्या 6.02213×1023 निकाली गई है, अतः आवोगाद्रो संख्या का संख्यात्मक मान 6.02213×1023 है। आवोगाद्रो संख्या को N संकेत द्वारा प्रदर्शित करते हैं। यह संख्या आवोगाद्रो द्वारा नहीं किन्तु लोश्मिट (Loschmidt) एवं अन्य कई वैज्ञानिकों द्वारा निकाली गई है। महान् वैज्ञानिक एमादियो आवोगाद्रो के नाम पर इस संख्या का नाम आवोगाद्रो संख्या रखा गया है। आवोगाद्रो संख्या (Na) लोश्मिट संख्या (L) भी कहलाती है।

कार्बन-12 समस्थानिक के 12 ग्राम में ही नहीं अपितु प्रत्येक पदार्थ के एक मोल (mole) में उसके 6.02213×1023 कण (परमाणु, अणु, आयन, मूलक, इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन या न्यूट्रॉन) होते हैं। पदार्थ के प्रति मोल में उपस्थित कणों की संख्या आवोगाद्रो नियतांक (Avogadro constant) N, कहलाती है। आवोगाद्रो नियतांक N का मान है.

मोलर द्रव्यमान (Molar Mass)

मोल को परिभाषित करने के पश्चात् किसी पदार्थ या उसके घटकों के एक मोल के द्रव्यमान को सरलता से प्राप्त किया जा सकता है।

किसी पदार्थ के 1 मोल का द्रव्यमान उसका मोलर द्रव्यमान M कहलाता है। मोलर द्रव्यमान ग्राम प्रति मोल संख्या में व्यक्त किया जाता है।

प्रत्येक तत्व के । मोल परमाणुओं का द्रव्यमान (मोलर द्रव्यमान) तत्व के ग्राम में व्यक्त परमाणु भार के समान तथा प्रत्येक यौगिक के । मोल अणुओं का द्रव्यमान (मोलर द्रव्यमान) यौगिक के ग्राम में व्यक्त अणु भार के समान होता है।

किसी आयनिक यौगिक; जैसे- NaCl या आयन के 1 मोल सूत्र इकाइयों का द्रव्यमान (मोलर द्रव्यमान) उसके ग्राम में व्यक्त सूत्र भार जितना होता है। किसी अवपरमाणुक कण (Subatomic particle) जैसे- इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन या न्यूट्रॉन के एक मोल का द्रव्यमान (मोलर द्रव्यमान) उस कण के ग्राम में व्यक्त सापेक्ष द्रव्यमान (12C स्केल पर) के बराबर होता है।

तत्व के परमाणुओं का मोलर द्रव्यमान = तत्व का ग्राम में व्यक्त परमाणु भार यौगिक के अणुओं का मोलर द्रव्यमान यौगिक का ग्राम में व्यक्त अणु भार = आयनिक यौगिक या आयन के सूत्र इकाइयों का मोलर द्रव्यमान = आयनिक यौगिक का आयन का ग्राम में व्यक्त सूत्र भार अवपरमाणुक कण का मोलर द्रव्यमान कण का ग्राम में व्यक्त सापेक्ष द्रव्यमान

मोल अवधारणा में ग्राम-परमाणु, ग्राम-अणु, ग्राम-आयन आदि के स्थान पर केवल मोल (mole) शब्द प्रयुक्त किया जाता है तथा परमाणु भार, अणु भार, सूत्र भार आदि के स्थान पर केवल मोलर द्रव्यमान M, प्रयुक्त किया जाता है। पदार्थों के मोलर द्रव्यमानों की गणना उनके रासायनिक सूत्रों तथा उनके घटक परमाणुओं के परमाणु भारों। की जानकारी से की जा सकती है। उदाहरणार्थ- कार्बन परमाणुओं का मोलर द्रव्यमान 12.01 ग्राम प्रति मोल है। और CO2 अणुओं का मोलर द्रव्यमान = 12.01 + (2×16) = 44.01 ग्राम/मोल है।

कुछ पदार्थों के मोलर द्रव्यमान सारणी (पृष्ठ 80) में दिए गए हैं।

सूत्र भार (Formula, Weight) पदार्थ के रासायनिक सूत्र द्वारा प्रदर्शित उसके सूत्र यूनिट (formula unit) का कार्बन-12 = 12 स्केल पर सापेक्ष द्रव्यमान पदार्थ का सूत्र भार और ग्राम में व्यक्त सूत्र भार ग्राम सूत्र भार कहलाता है। उदाहरणार्थ- सोडियम क्लोराइड का सूत्र यूनिट NaCl है। NaCl का सूत्र भार = 23.00 + 35.5 = 58.5 और ग्राम सूत्र भार 58.5 ग्राम है।

ग्राम परमाणु भार (Gram Atomic Weight)

जब परमाणु भार ग्राम में व्यक्त किए जाते हैं तो ग्राम परमाणु भार कहलाते हैं अर्थात् किसी तत्व का ग्राम में वह द्रव्यमान जो उसके परमाणु भार के बराबर होता है उस तत्व का ग्राम परमाणु भार कहलाता है। उदाहरणार्थ – ऑक्सीजन का परमाणु भार 16.00 तथा ग्राम परमाणु भार 16.00 ग्राम है। हाइड्रोजन का ग्राम परमाणु भार 1.008 ग्राम, क्लोरीन का 35.5 ग्राम तथा नाइट्रोजन का 14.00 ग्राम है।

किसी तत्व का एक ग्राम-परमाणु (gram-atom) उस तत्व के एक ग्राम परमाणु भार जितनी मात्रा को प्रदर्शित करता है। उदाहरणार्थ- कार्बन तत्व का एक ग्राम-परमाणु 12.011 ग्राम कार्बन को प्रदर्शित करता है। ऑक्सीजन तत्व का एक ग्राम-परमाणु 16.00 ग्राम ऑक्सीजन को प्रदर्शित करता है।

मोल अवधारणा के अनुसार 12 ग्राम कार्बन में कार्बन के 6.022×1023 परमाणु (या आवोगाद्रो संख्या के बराबर कार्बन परमाणु) होते हैं, अत: कार्बन का ग्राम परमाणु द्रव्यमान या 1 ग्राम परमाणु, कार्बन के 6.022×1023 परमाणुओं का भार है। इसी प्रकार हाइड्रोजन का ग्राम परमाणु द्रव्यमान या 1 ग्राम परमाणु, हाइड्रोजन के 6.022×1023 परमाणुओं का भार है; अतः हम कह सकते हैं.

“ग्राम परमाणु भार अथवा 1 ग्राम परमाणु किसी तत्व के 6.022×1023 परमाणुओं का भार होता है जिसे ग्राम में व्यक्त किया जाता है।”

उदाहरणार्थ- सोडियम (Na) का ग्राम परमाणु भार या सोडियम के 1 ग्राम परमाणु (अर्थात् 23 ग्राम Na), सोडियम के 1 मोल परमाणुओं का भार है। इसी प्रकार सल्फर (S) का ग्राम परमाणु भार या सल्फर के 1 ग्राम परमाणु (अर्थात् 32 ग्राम S) सल्फर के 1 मोल परमाणुओं का भार है।

ग्राम अणु भार (Gram Molecular Weight)

जब अणु भार ग्राम में व्यक्त किया जाता है तो उसे ग्राम अणु भार कहते हैं। हाइड्रोजन (H2) का अणु भार 2.016 तथा ग्राम अणु भार 2.016 ग्राम है।

किसी पदार्थ के एक ग्राम अणु (Gram-molecule) उस पदार्थ के ग्राम अणु भार जितनी मात्रा को प्रदर्शित करता है। उदाहरणार्थ-ऑक्सीजन (02) का एक ग्राम-अणु 32 ग्राम ऑक्सीजन (O2) को प्रदर्शित करता है। सल्फ्यूरिक अम्ल का एक ग्राम अणु 98 ग्राम H2SO4 को प्रदर्शित करता है।

जिस प्रकार तत्व का ग्राम परमाणु भार, तत्व के (ग्राम में व्यक्त) एक मोल परमाणुओं (6.022×1023) का भार होता है, उसी प्रकार ग्राम आण्विक भार या ग्राम मोल पदार्थ (तत्व अथवा यौगिक) के एक मोल अणुओं (6.022×1023) का ग्राम में व्यक्त भार होता है। अतः हम कह सकते है कि “ग्राम अणु भार अथवा 1 ग्राम मोल पदार्थ (तत्व अथवा यौगिक) के 6.022×10 23 अणुओं का भार होता है, जिसे ग्राम में व्यक्त किया जाता है।”

उदाहरणार्थ -CaCO3 का ग्राम अणु भार या CaCO3 का एक ग्राम मोल (या 100 ग्राम), CaCO3 के 6.022×10 23 अणुओं का ग्राम में भार है।

इसी प्रकार, CO2 का ग्राम अणु भार या CO2 का एक ग्राम मोल (या 44 ग्राम), CO2 के 6.022×1023 अणुओं का ग्राम में भार है।

तुल्यांकी भार (Equivalent Weight)

यौगिक सदैव रासायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप तत्वों के किसी विशेष अनुपात में मिलने से बनते हैं। उदाहरणार्थ —धार के विचार से 1.008 भाग हाइड्रोजन (H) तथा 8 भाग ऑक्सीजन (O) के मिलने से जल (HO) बनता है। इसी प्रकार 1.008 भार हाइड्रोजन (H) 35.5 भाग क्लोरीन (Ch) से मिलकर हाइड्रोजन क्लोराइड बनाती है। उपयुक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि भार के विचार से हाइड्रोजन का 1.008 भाग, ऑक्सीजन के 8 भाग तथ क्लोरीन के 35.5 भाग के समतुल्य है। इस आधार पर तुल्यांकी भार को इस प्रकार से परिभाषित किया जाता है.. किसी तत्व का तुल्यांकी भार उसके द्रव्यमान भागों की वह संख्या है.

में से इन द्रव्यमान भागों को विस्थापित कर सके। तुल्यांकी भार केवल एक तुलनात्मक संख्या होती है जो तत्व के किसी द्रव्यमान तथा उस द्रव्यमान से संयुक्त होने वाले हाइड्रोजन के द्रव्यमान के अनुपात को प्रकट करती है। इसकी कोई इकाई नहीं होती है। तुल्यांकी भार के लिए ‘संयोजन भार’ (Combining weight) अथवा ‘रासायनिक तुल्यांक’ (Chemical equivalent) शब्दों का भी प्रयोग किया जाता है।

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